https://youtu.be/Q3LtPaKSHCg
Hindi Medium of Education
should be must for Primary, Junior, Highschool & Intermediate level -Mahatma Gandhi, Harijansewak, 1946
https://youtu.be/Q3LtPaKSHCg
Hindi Medium of Education
should be must for Primary, Junior, Highschool & Intermediate level -Mahatma Gandhi, Harijansewak, 1946
एक आदमी नदी मे डूब रहा था। वो जोर जोर से चिल्लाया -
"गणेश जी बचाओ"
"गणेश जी बचाओ"
गणेश जी आए ओर नदी किनारे नाचने लगे।
आदमी :"प्रभु आप नाच क्यों रहे हो? मुझे बचाओ..."
गणेश जी मुस्कुराते हुए बोले -
"तू भी तो मेरे विसर्जन के समय बहुत नाच रहा था...!
अाटा माझी सटकली
यह किसी ने व्हाट्स अप पर व्यंग्य भेजा था, जो समझने योग्य है...
एक आदमी नदी मे डूब रहा था। वो जोर जोर से चिल्लाया -
"गणेश जी बचाओ"
"गणेश जी बचाओ"
गणेश जी आए ओर नदी किनारे नाच ने लगे।
आदमी :"प्रभु आप नाच क्यों रहे हो? मुझे बचाओ..."
गणेश जी मुस्कुराते हुए बोले -
"तू भी तो मेरे विसर्जन बहुत नाच रहा था...!
अता माझी सटकली
समस्या है कुपोषण की,
चिन्तायें पोषण की,
परन्तु किसके पोषण की;
स्वपोषण जरूरी है;
कुपोषण मजबूरी है|
गुलामी की कारा से,
आजादी से मुक्ति तक,
कौन हुआ पोषित है,
जनता कुपोषित,
नेता हुये पोषित हैं|
सदाचार कुपोषित,
भ्रष्टाचार पोषित है,
सत्ता पर आज भी,
कुशासन सुशोभित है,
दुःशासन जीवित है|
द्रौपदी पीड़ित है,
दुर्योधन सत्ता का,
कर रहा है शोषण,
जनता फिर किसी
कृष्ण को ढूँढती है|
हारे चाहे दुर्योधन,
शकुनि चाहे मिट जाये,
मिटता नहीं है दर्द,
मिलती नहीं दवायें,
बदलती केवल सत्तायें|
माया की सत्ता हो,
मुलायम का शासन हो,
कांग्रेस चली जाये,
भाजपा चली आये,
जनता तो मूरख है,
केवल ठगी जाये|
--------तेज प्रकाश
आधुनिकता की होड़ में
क्यूं मर्यादा भूल गये;
प्रदर्शन करना क्यों,
किसलिये जरूरी है,
कपड़े कम पहनने की,
ये कैसी मजबूरी है?
युवा हुआ है पागल,
देख तमाशा नंगेपन का,
मॉं, बेटी और बहन,
भूल कर केवल तन दिखता,
सावन के अंधे को जैसे,
हर ओर हरापन दिखता है|
शिक्षा सब व्यापार हो गई,
शिक्षक हैं व्यापारी,
नेता सारे चोर हो गये,
बहरी सरकारें सारी|
लानत है जनता पर ऐसी,
जो करती इनकी पूजा,
बहनों की इज्जत लुटने पर,
अपनी बहनों को फूंका|
आज तो घर घर खुले हुये हैं,
मुये तवायफखाने,
हर कालेज मन्दिर के बाहर,
खुले हुये मैखाने|
मोबाइल दुकान हो गये,
मौत का सामान हो गये,
नहीं डर किसी का अब तो,
अश्लील वीडियो आम हो गये|
सड़के तो अब साफ हो गईं,
पर मन हो रहे हैं गंदे,
बहन, बेटियों की चिंता भी,
हैं सामाजिक धंधे|
गुरू जी गोरू हो गये,
चेला चंचल राग,
चेली हो गई चंचला,
रहीं गुरू संग भाग|
समाधान, व्यवधान है,
कौन करेगा बात;
कविता होती बंद अब,
बहुत हो गई रात|
इस टीचर को आप पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़वा देना चाहिए, रामगोविंद चौधरी की अक्ल ठिकाने आ जायेगी, और यह शिक्षक, अगला शिक्षामंत्री बन जायेगा|
नेता-अफसर के बच्चे, PIL लगाने वाला बर्खास्त
dainikbhaskar.com | Aug 20, 03:02:00 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में पिटीशन दायर करने वाले टीचर को ही राज्य सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। सुल्तानपुर के शिव पाठक की पीआईएल पर ही पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए कहा था कि यूपी के सभी जनप्रतिनिधियों, सरकारी अफसरों, एम्प्लॉइज़ और जजों को अपने बच्चों को सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाना होगा।
क्या बताई बर्खास्तगी की वजह?
पीआईएल दाखिल करने वाले टीचर पाठक को सुल्तानपुर के डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन अफसर ने बर्खास्तगी का लेटर भेजा। उन पर आरोप है कि वे स्कूल से लगातार छुट्टी ले रहे थे। पाठक सुल्तानपुर के लम्भुआ तहसील के पांडेयपुर प्राइमरी स्कूल में पढ़ाते हैं।
टीचर ने क्या कहा?
टीचर शिव कुमार पाठक ने कहा कि उन पर गलत आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा कि जब भी कोर्ट में पैरवी का दिन आया, तो वे स्कूल से बाकायदा लिखित में छुट्टी लेकर गए हैं। प्रिंसिपल ने उन्हें छुट्टी दी है। उन्होंने कहा, "मैं सरकार के खिलाफ कई मामलों में अपोजिट पार्टी हूं, इसलिए मुझ पर कार्रवाई की जा रही है। महीनों कई टीचर नहीं आते, लेकिन उन्हें कभी बर्खास्त नहीं किया गया। मैं इसके खिलाफ अपील करूंगा।"
क्या था हाईकोर्ट का फैसला?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि यूपी के सभी जनप्रतिनिधियों, सरकारी अफसरों, एम्प्लॉइज़ और जजों को अपने बच्चों को सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाना होगा। हाईकोर्ट के मुताबिक, यदि सरकारी कर्मचारियों ने अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ाया तो उन्हें फीस के बराबर की रकम हर महीने सरकारी खजाने में जमा करानी होगी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि ऐसे लोगों का इन्क्रीमेंट और प्रमोशन कुछ वक्त के लिए रोकने के इंतजाम किए जाएं। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने यह आदेश दिया था।
छह महीने का दिया वक्त
हाईकोर्ट ने यूपी के मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि वे बाकी अफसरों से राय-मशविरा करके 6 महीने में नई व्यवस्था कराएं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा है कि वे इस मामले में छह महीने बाद रिपोर्ट भी दें।
कोर्ट के फैसले से न जोड़कर देखें बर्खास्तगी
बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा, 'टीचर के बर्खास्तगी की सूचना अधिकारियों ने जब मुझे दी थी, उस समय कोर्ट का फैसला नहीं आया था। इसे कोर्ट के फैसले से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। जहां तक हाईकोर्ट के फैसले का सवाल है तो इसके खिलाफ सरकार अभी सुप्रीम कोर्ट जाएगी या नहीं ये तय होना है। सपा शुरू से कह रही है कि प्रदेश में एक समान शिक्षा होनी चाहिये
जीवन भर त्याग और तपस्या कर, सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक कुरीतियो, विषमताओं को दूर करने का भगीरथ प्रयत्न करने वाले आजादी के महायोद्धा राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी, जिन्हें सुभाष चन्द्र बोस जी ने बापू कहकर पुकारा, बाद में पूरा देश उन्हें बापू कहने लगा|
आजाद भारत की खुली हवा में सॉंस लेने वाले लोग आज सरकार के खिलाफ कुछ भी कह सकते हैं, धरना, प्रदर्शन कर सकने की आजादी, की परम्परा बापू के असहयोग आन्दोलन की उपज है|
महात्मा गॉंधी से पहले किसी ने अहिंसक क्रान्ति की कल्पना भी नहीं की होगी| इसीलिये आज नेल्सन मण्डेला जैसे सैकडों नेताओं के वे प्रेरणास्रोत बने और आइंस्टीन जैसा महान वैज्ञानिक, गॉंधी जी की जीते जी पूजा करता था|
दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल,
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल|
ऐसे महान विश्वविख्यात, सर्वमान्य व्यक्ति की आलोचना, निन्दा या प्रहसन की विषयवस्तु बनाना, सूरज पर थूकने जैसा प्रयास है| मूर्ख हैं वे लोग जो महात्मा गॉंधी को कायर समझते हैं, जो बंटवारे के खूनी दंगों में कोलकाता में जाकर बिना किसी सुरक्षा के अनशन कर सकता हो, जो दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की लडाई, उस युग में लड़ा और जीता हो, वो भी उन अंग्रेजों के विरुद्ध, जिनके शासन में सूरज कभी डूबता नहीं था, ये कायरता है या अद्भुत वीरता|